RIOTS OR WRONG: धर्म एक आस्था ना की हथियार
" इल्म नहीं है मेरा इतना की तेरी आवाज़ मैं बन जाऊ, न औकात इतनी की किसी पर इल्जाम मैं लगाऊ, बस चाहता हुं इतना की मेरे शब्दों से ऐ सोते हुवे इन्सान मैं तुम्हें जगाऊ......| "
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